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चौपाई ....
प्रविश नगर कीजे सब काजा,
ह्रदय राखि कोशलपुर राजा !
गरल सुधा रिपु करहि मिताई,
गोपद सिन्धु अनल सितलाई !!
भावार्थ :
किसी भी कार्य को करने के पूर्व प्रभु श्रीराम का स्मरण करने से सफलता प्राप्त होगी, जो भी येसा करता है उसके लिए विष भी अमृत बन जाता है, शत्रु भी मित्र बन जाते हैं, समुद्र गाय के खुर जैसा हो जाता है, अग्नि में शीतलता आ जाती है ...
जब हनुमान जी लंका में माता सीता का पता लगाने के लिए गये थे, तब इनके मन में इस कार्य की सफलता को लेकर शंका पैदा हुई थी, तब उन्होंने प्रभु श्रीराम का ध्यान करके लंका में प्रवेश किया, तथा अपने कार्य में सफल हुए !!
REPORT BY... SIDDHARTH TRIPATHI
Jai shree Ram